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भोजन भट्ट हास्य कविता अरुण कुमार अविनाश

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👺👺👺👺👺👺– भोजन भट्ट–👺👺👺👺👺👺 दो    सौ   रोटी   खा    कर , जब   हमनें   पी  ली   चाय। होटल     वाले     ने   कहा  – अब   मत    आना    बॉय। अब    मत   आना   बॉय  –  व्यर्थ   तुम  यहाँ   आओगें। ...

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Arun Kumar

खुद के बारे में कहने के लिये अभी कुछ खास नहीं है। गर आपने पसन्द किया हम आपके खासमखास होंगें। मैं आपको दोस्त बना लूं और आप मेरे दोस्त बन जाये। करीब आने के लिये सिर्फ दो-दो कदम ही तो चलना है।

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