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भोग

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शीर्षक - भोग दोहे नित प्रभु का पूजन करें, रोज लगाओ भोग। सब विपदा प्रभु जी हरें, हरें पीर अरु रोग।। है भोग पूड़ी हलवा, मातु करो स्वीकार। तुम्हें समर्पित भावना, सँग सोलह श्रृंगार।। भोग लगाकर ...

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कवयित्री

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