भावों का भवसागर अंतस में आए भावों को सुनना होगा, कुछ छिपें हुए शब्दों को गुनना होगा। मन वाचाल है न जाने कहां कहां गोता खाए, भावों के झंझावात को काबू में लाना होगा। कुछ सुना सुना, कुछ अनसुना रह जाता ...
भावों का भवसागर अंतस में आए भावों को सुनना होगा, कुछ छिपें हुए शब्दों को गुनना होगा। मन वाचाल है न जाने कहां कहां गोता खाए, भावों के झंझावात को काबू में लाना होगा। कुछ सुना सुना, कुछ अनसुना रह जाता ...