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भरी सभा में मन मेरा एकाकी है

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हृदय-कोष्ठ में सूनेपन की झाँकी है। भरी सभा में मन मेरा एकाकी है।। लक्ष्य -मात्र था प्रेम तुम्हारा पाने का, तुमको ही अधिकार दिया इठलाने का, कानों में रस मधुर भरा उस गाने का, तुमने वचन दिया जो वापस आने ...

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लेखक के बारे में
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Sanjay Narayan

सम्प्रति: Principal, Government Upper Primary School, Pasgawan Lakhimpur Kheri इससे पूर्व सीतापुर के आनंदी देवी सरस्वती विद्यामंदिर इंटर कॉलेज में गणित के आचार्य के रूप में 2003 से 2004 तक शिक्षण कार्य किया। मोहम्मदी खीरी में पी डी भारतीय इंटर कॉलेज में 7 बर्ष शिक्षण कार्य किया। पसगवां ब्लॉक के वरिष्ठ ABRCC के रूप में वर्ष 2014 से 2019 तक सेवाएं दीं। शिक्षा:- MSc गणित, MA in English, MEd, PG Diploma in Journalism, PG DMIT Achievements: अमर उजाला काव्य की वेबसाइट पर 21 रचनाएं प्रकाशित Your Quote. com की वेबसाइट पर अंग्रेजी की 51 poems प्रकाशित Writer’s Outlet की वेबसाइट पर english poetry collection “Lilies of Nectarous Lake” by Sanjay Narayan NECTAR प्रकाशित

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