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भक्तिमति रानी रत्नावती

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जयपुर के पास आंबेरगढ़ है। वहाँ के राजा का नाम था मानसिंह। मानसिंह का छोटा भाई था माधवसिंह। माधवसिंह की पत्नी रत्नावती। रत्नावती का स्वभाव बड़ा मधुर था। दासियों के साथ भी मधुर व्यवहार करती थी। वह ठीक ...

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लेखक के बारे में
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विजय शर्मा

यहाँ जो भी रचनाएँ प्रकाशित है सभी संत श्री आशारामजी बापू की वाणी से निकली सत्संग, ऐतिहासिक कथा, प्रेरक प्रसंग ईश्वर की ओर बढ़ने के लिए है। मै आप तक पहुँचाने की सेवा करके स्वयं को सौभाग्यशाली मानता हूँ,धन्यवाद...🙏🌷

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