करो आरती, दीप जलाओ या फिर गाओ मन्त्र, चाहे घंटी ख़ूब बजाओ कर लो सारे तंत्र, क्या ईश्वर ख़ुश हो पायेगा, देख तुम्हारा ढोंग, ग़र दिमाग़ में चलते रहते हैं केवल षड्यंत्र। ✍🏻 रोहित ...
करो आरती, दीप जलाओ या फिर गाओ मन्त्र, चाहे घंटी ख़ूब बजाओ कर लो सारे तंत्र, क्या ईश्वर ख़ुश हो पायेगा, देख तुम्हारा ढोंग, ग़र दिमाग़ में चलते रहते हैं केवल षड्यंत्र। ✍🏻 रोहित ...