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****भजन करो भरी जवानी में ****

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चेतावनी

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लेखक के बारे में

सन, १९६३ मे स्वस्थ्य मंत्रालय के अंन्तरगत कार्य करते ही आकाशवाणी के (नाटक विभाग ) की स्वर परीक्षा पास की ,कार्यक्रमों के प्रसारण के समय होने वाली गतिविधियों से लेखन की रूचि जाग्रत हूई।बस शुरू होगये। तब से अब तक विभिन्न समाचार पत्र‌ ,पत्रिकाओं में लेखन जारी है।उन में ही कुछ कविताएं यहां प्रस्तुत हैं।प्रस्तुत कविताओं में रही त्रूटियो के लिये विद्वानों ,विचारकों,एवं वरिष्ठ लेखकों से सदैव क्षमा प्रार्थी:

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