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बेटी

4.5
28180

आज शर्मा जी के घर में बड़ी रौनक थी, उनकी एकलौती बेटी ममता की शादी जो थी. बहुत से मेहमानों से घर भरा हुआ था, दरवाजे पर शहनाई बज रही थी, खुशियों का दौर था. शर्मा जी बड़े व्यस्त थे. फेरे हो रहे थे. बेटी ...

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लेखक के बारे में

Name : Vijay Kumar Sappatti Education : MBA, PG-HRD, PG-MKTG, DEGREE-Economics & English Literature, DIPLOMA in Mining Engineering Job : Marketing Consultant Publications : Two books in Hindi – one for poetry and one for stories Poetry – “ Ujale Chaand Kee Beceni “ Story- “ Ek Thi Maaya “ Many poems and stories published in various national and international magazines [ both in print & electronic medium ] Major Blogs Poems – http://frozenmomentsoflifetime.blogspot.in ,Writings - http://thewritingonwall.blogspot.in

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Beena Awasthi
    14 জুলাই 2018
    विजय जी आप की कहानी ने निशब्द कर दिया। कोई भी प्रताड़ित माँ अपनी बेटी को बद्दुआ नहीं देती लेकिन उस बच्ची के नाना नानी कभी न कभी ये शब्द जरूर कहते.हैं कि इस आदमी की बेटी के साथ भी वही हो जैसा. इसने मेरी बेटी के साथ किया है। कहानी के लिये प्रशंसा।
  • author
    पाण्डेय अनिक
    14 জুলাই 2018
    बहुत ही कम परन्तु नपे हुए शब्दों में सटीक मार्गदर्शन।
  • author
    Poonam Katyal
    06 অক্টোবর 2018
    एक अच्छी कहानी इसी को कहते है।👌
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    Beena Awasthi
    14 জুলাই 2018
    विजय जी आप की कहानी ने निशब्द कर दिया। कोई भी प्रताड़ित माँ अपनी बेटी को बद्दुआ नहीं देती लेकिन उस बच्ची के नाना नानी कभी न कभी ये शब्द जरूर कहते.हैं कि इस आदमी की बेटी के साथ भी वही हो जैसा. इसने मेरी बेटी के साथ किया है। कहानी के लिये प्रशंसा।
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    पाण्डेय अनिक
    14 জুলাই 2018
    बहुत ही कम परन्तु नपे हुए शब्दों में सटीक मार्गदर्शन।
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    Poonam Katyal
    06 অক্টোবর 2018
    एक अच्छी कहानी इसी को कहते है।👌