प्राइवेट नौकरी समझते हैं....जी हां आठ घंटे में सब घंटा बनाकर बजाते हैं....और कोई जरूरी नहीं कि घंटे आठ ही हों, बारह भी हो सकते हैं....ओवरटाइम की भी तगड़ी संभावनाएं....इसमें ओवर पैसा कुछ इतना होता है ...
लिखने की शुरुआत प्रतिलिपि से ही हुई थी। एक कहानी को लेकर पुरस्कृत हुआ तो हौसला मिला।
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रिपोर्ट की समस्या
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