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बेईमानी बनाम बेईमानी

4.6
1796

किराना कारोबारी रामेंद्र दुकान का हिसाब न मिलनें से परेशान था।उसने अपने बेटे को आवाज दी " साकेत, स्टॉक का हिसाब नही मिल रहा । देखो कुछ छूट तो नही रहा।" "पापा मैं भी हिसाब ही देख रहा हूँ ।स्टॉक व कैश ...

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लेखक के बारे में
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बरखा अरोड़ा
समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    12 अगस्त 2017
    आज की हकीकत यही है.... दूसरों की गलती ,गलती है ,और अपनी गलती भी सही हैं.....?
  • author
    Prem nath Gupta
    22 जून 2021
    bahut sahi baat Kahi aapane
  • author
    Veena Bhatia
    13 अक्टूबर 2024
    good👍👍👍
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    12 अगस्त 2017
    आज की हकीकत यही है.... दूसरों की गलती ,गलती है ,और अपनी गलती भी सही हैं.....?
  • author
    Prem nath Gupta
    22 जून 2021
    bahut sahi baat Kahi aapane
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    Veena Bhatia
    13 अक्टूबर 2024
    good👍👍👍