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बेबसी # ओवुमनिया

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बेबसी पिछले 10 दिन से अम्मा बुखार में पड़ी थी। चार दिन से तो अन्न का एक दाना भी उसके मुंह में नहीं गया था। गई रात पड़ोस से काकी ने आकर दूध की चन्द बूदें चम्मच से डालने की कोशिश की पर एक भी बूँद ...

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Damini
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लेखक के बारे में
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Damini

साहित्य की पगडंडी पर अभी पहला कदम रखा हैं। मंज़िल अभी बहुत दूर है। 🙏

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Mamta Upadhyay
    20 मई 2020
    बहुत बेहतरीन रचना ,मार्मिक
  • author
    Kiran Singh
    30 मई 2019
    दामिनी कैसे लिख लेती हो समाज मे फैली विद्रूपता को ऐसी विषम जिंदगी का सत्य जहाँ शराब जिंदगियों को लील जाती निशाना बन जाते है मासूम और जूझने लगते हैं उनका बचपन कहीं खो जाता है।ऐसा सत्य जो बास्तव कहीं घट रहा होता है।
  • author
    18 मई 2019
    आजकल कुछ निम्न वर्ग में इस तरह के लोग मौजूद है हमारे समाज का कड़वा सच हैं जिससे एक परिवार बच्चे और एक औरत की ज़िंदगी दांव पर लगी रहती हैं सार्थक कहानी का लेखन बहुत सुंदर भावपक्ष और भावपूर्ण अभिव्यक्ति आपकी।
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    Mamta Upadhyay
    20 मई 2020
    बहुत बेहतरीन रचना ,मार्मिक
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    Kiran Singh
    30 मई 2019
    दामिनी कैसे लिख लेती हो समाज मे फैली विद्रूपता को ऐसी विषम जिंदगी का सत्य जहाँ शराब जिंदगियों को लील जाती निशाना बन जाते है मासूम और जूझने लगते हैं उनका बचपन कहीं खो जाता है।ऐसा सत्य जो बास्तव कहीं घट रहा होता है।
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    18 मई 2019
    आजकल कुछ निम्न वर्ग में इस तरह के लोग मौजूद है हमारे समाज का कड़वा सच हैं जिससे एक परिवार बच्चे और एक औरत की ज़िंदगी दांव पर लगी रहती हैं सार्थक कहानी का लेखन बहुत सुंदर भावपक्ष और भावपूर्ण अभिव्यक्ति आपकी।