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बरखा रानी ..जरा जम के बरसो!

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रितु का ध्यान बार बार खिड़की से बाहर जा रहा था । वह एक काम करती !फिर दरवाजे की तरफ देखने लगती !! फिर कुछ काम करती! फिर खिड़की की ओर निहारने लगती!!! लग रहा था जैसे किसी काम में उसका मन नहीं लग रहा ...