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बलात्कारियों की मानसिक प्रवत्ति पर एक संक्षित टिप्पणी

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4.4

“लड़कियाँ खुद चाँहती हैं कि हम उनके साथ वो सब करे।” “लड़कियाँ खुद छोटे — छोटे कपड़े पहनकर बाहर घूमती हैं हमें उकसाती हैं।” “लड़कियाँ क्‍यों देर रात तक सड़को में घूमती हैं।” “लड़कियाँ क्‍यों अकेले ...