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बलंदियों से जल जाते हैं

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पुराने दोस्त से मिलने की तमन्ना लिए जाते हैं और उसकी बेरुखी के काँटों से छिल जाते हैं वो पेशेवर मुस्कान से यूँ इस्तक़बाल करता है अदब के बोझ से दिल में आंसू निकल जाते हैं उन्हें भी अपनी सुनाने की हड़बड़ी ...