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बैलगाड़ी का सफर सुहाना

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स्वरचित कविता    शीर्षक- "बैलगाड़ी का सफर सुहाना "              याद आया वो समय पुराना- बैलगाड़ी का सफर सुहाना, मां,बाबा,दीदी,भैया संग- बैठ गांव दादी-घर जाना. खेतों की मेड़ों पर रूककर- तोड़ तोड़कर ...

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लेखक के बारे में

डा. अंजु लता सिंह ,भूतपूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष,केंद्रीय विद्यालय संगठन, नई दिल्ली. सागर वि.वि.(म.प्र.)में दो वर्ष(1980 से1982)तक हिंदी व्याख्याता पद पर कार्यरत. 1983 से 1986 तक पब्लिक स्कूल में हिंदी स्नातकोत्तर शिक्षिका 1987से 2017 तक हिंदी स्नातकोत्तर शिक्षिका पद पर अध्यापनानुभव. कुल चार पुस्तकें प्रकाशित १.हिन्दी के आंचलिक उपन्यासों के परिप्रेक्ष्य में स्व.फणीश्वरनाथ रेणु के उपन्यासों का विशेष अध्ययन. २.काव्यांजलि(कविता-संग्रह) ३.सारे जमीं पर(कविता संग्रह) ४.महकता हरसिंगार(लघुकथा संग्रह) स्तरीय पत्र-पत्रिकाओं में लगभग पांच सौ पचास रचनाएं प्रकाशित. चार बार अवार्ड्स प्राप्त(बैस्ट टीचर एवं लेखन संबंधी) फेसबुक पर लगभग एक सौ साठ सम्मान पत्र प्राप्त. संप्रति- *"प्रतिभा विकास मिशन"गैर सरकारी रजिस्टर्ड समाज सेवी संस्था की संचालिका पद पर कार्यरत। *अंतर्राष्ट्रीय साहित्य अर्पण" मंच पर निर्णायक मंडल सदस्या। *"अंतर्राष्ट्रीय महिला काव्य मंच" की दक्षिणी दिल्ली शाखा में अध्यक्ष पद पर चयन। *लेखन,वाचन,पाठन में व्यस्त। _______

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