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बहाण रूप दया का हो सै

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बहाण रूप दया का हो सै, ना करै कदे अभिमान। मात पिता की सेवा करकै, दे सब नै आदर मान।। सबतै पहलां उठ के नै, माँ बापां नै शीश नवाती। राम रमी का बोल सुरीला, मंदा मंदा गाती। काम्बल खेस खींच सारे, बालकां नै ...

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