बस इतना चाहिए, तुझसे ऐ जिंदगी, कि ज़मीन पे बैठूं, तो लोग बड़प्पन कहें, औकात नहीं! इसके लिए संभवतः सब्र सीखना होगा, बात बात पे उफान, उबल के गिर ...
बस इतना चाहिए, तुझसे ऐ जिंदगी, कि ज़मीन पे बैठूं, तो लोग बड़प्पन कहें, औकात नहीं! इसके लिए संभवतः सब्र सीखना होगा, बात बात पे उफान, उबल के गिर ...