हम भारतीय नारी, जो अपने प्यार और आराध्य ईश्वर के सिवा नही किसी से हारी । ये जीवन है धूप छांव यहां हर एक की बारी।जो खुदसे ज्यादा दूसरो के भावनाओं को समझती है न्यारी।हर कोना खुशहाल हैं क्योंकि निर्भर एकदूसरे पे नर नारी !
समर्पित जीवन, सहनशीलता की प्रतिबिंब है भारतीय नारी,आप जैसे महान, समझदार श्रोताओं को करती हु👏प्रणाम भारी ।
मनमे उठे तरंगों को कुछ लिखनेका प्रयास है। बाह्य सृष्टि और सामाजिकता का भी इस में किया आभास है।
लिखना और सीखना दोनो चलता रहता है।जो लिखकर मन को हल्का कर दे वो हर वक्त कुछ ना कुछ नया कहता है ।