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अब किसी का जोर नहीं , न पहरे हैं न यंत्र कयोंकि ये है सबसे बड़ा भारत लोकतंत्र अब किसी से रुकेगा नहीं, भारत है स्वतंत्र जब याद आती है, कुरबानी उन वीरो की खून भरे थे हाथ जिनके, बंधी थी ...