ऐ ज़िन्दगी तुझे क्या नाम दूं। कभी लगता है, तू एक सफर है, और मैं इस सफर का यात्री। कभी लगता है, तू विद्यालय है, और मैं इस विद्यालय का विद्यार्थी।। कभी लगता है, तू भीख है, और मैं इक भिखारी। कभी लगता ...
ऐ ज़िन्दगी तुझे क्या नाम दूं। कभी लगता है, तू एक सफर है, और मैं इस सफर का यात्री। कभी लगता है, तू विद्यालय है, और मैं इस विद्यालय का विद्यार्थी।। कभी लगता है, तू भीख है, और मैं इक भिखारी। कभी लगता ...