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ऐ ज़िन्दगी तुझे क्या नाम दूं।

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ऐ ज़िन्दगी तुझे क्या नाम दूं। कभी लगता है, तू एक सफर है, और मैं इस सफर का यात्री। कभी लगता है, तू विद्यालय है, और मैं इस विद्यालय का विद्यार्थी।। कभी लगता है, तू भीख है, और मैं इक भिखारी। कभी लगता ...

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Kuch alfaaz dil se निकले, Kahani, kavita, ya ek soch बन गए। ये हैं Words by Shikha — बस दिल की आवाज़। Read, feel, and if you smile — that’s where my writing lives.

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