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आंटी

4.3
24493

"आंटी मैं उससे प्यार करती हूँ " ये शब्द थे एक तेरह साल की बच्ची के जो शीशे की तरह कानों में उतारते जा रहे थे। ...उसकी माँ जो दिन भर काम करती है उसको लेकर मेरे पास आयी थी की आप ही कुछ समझा देतीं ये ...

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लेखक के बारे में

मैं एक समाजसेविका व फैशन डिजायनर हूं ....लेखन मेरा शौक है ..!!

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sanjeev Kumar
    22 जुलाई 2017
    kahani thi is liye achchi thi...warna pyar ka bukhar is umar k chadh k thokar khane k baad hi utarta hai
  • author
    रोहन कुमार
    07 जुलाई 2017
    सच है प्यार का अपना-आप रूप होता है, प्यार किसी से भी हो सकता है ! जैसे कि मुझे किताबों से प्यार है !
  • author
    12 अप्रैल 2017
    kahani jab suru hui to laga ki ye mere kisi khas ki kahani hai p par last me jakar dil ko sukoon mila par aap bahut achha likhte hai.
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    Sanjeev Kumar
    22 जुलाई 2017
    kahani thi is liye achchi thi...warna pyar ka bukhar is umar k chadh k thokar khane k baad hi utarta hai
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    रोहन कुमार
    07 जुलाई 2017
    सच है प्यार का अपना-आप रूप होता है, प्यार किसी से भी हो सकता है ! जैसे कि मुझे किताबों से प्यार है !
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    12 अप्रैल 2017
    kahani jab suru hui to laga ki ye mere kisi khas ki kahani hai p par last me jakar dil ko sukoon mila par aap bahut achha likhte hai.