ट्यूबवूल जंगल में बेशक था - - फिर भी कोई आ सकता है ! यही सोचकर 80 वर्षीय वृद्ध खजान सिंह - - अपनी पुरानी प्रीति को वासना की आग में झोंकने के लिए - - सुमित्रा देवी को साथ लेकर बाजरा के खेत में ...
ट्यूबवूल जंगल में बेशक था - - फिर भी कोई आ सकता है ! यही सोचकर 80 वर्षीय वृद्ध खजान सिंह - - अपनी पुरानी प्रीति को वासना की आग में झोंकने के लिए - - सुमित्रा देवी को साथ लेकर बाजरा के खेत में ...