हे! मानव तू क्यों इतनी अस्मिताओं से जकड़ा हुआ है । जद्दोजहद कर रहा है, केवल अपनी पहचान के लिए ? इसके जवाब में केवल इतना कहा जा सकता है कि वह मान्यता ही है, जो उसे बार-बार अपनी अस्मिता या पहचान का ...
विकास कुमार जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय में शोधार्थी रहे है । लेखक समय-समय पर नियमित पत्र-पत्रिकाओं में लिखते रहे है । साथ ही समसामयिक विषयों, सामाजिक सरकारों से जुड़े सन्दर्भ, साहित्य, राजनीति आदि में रूचि होने के कारण देश-दुनिया से सम्बन्धित विषयों से जुड़े रहे है ।
सारांश
विकास कुमार जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय में शोधार्थी रहे है । लेखक समय-समय पर नियमित पत्र-पत्रिकाओं में लिखते रहे है । साथ ही समसामयिक विषयों, सामाजिक सरकारों से जुड़े सन्दर्भ, साहित्य, राजनीति आदि में रूचि होने के कारण देश-दुनिया से सम्बन्धित विषयों से जुड़े रहे है ।
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बधाई हो! अस्मिता की राजनीति और उनके बीच का अनोखा संबध प्रकाशित हो चुकी है।. अपने दोस्तों को इस खुशी में शामिल करे और उनकी राय जाने।