बनती है घर में "खिचड़ी"......... और हम बाक़ायदा उस पर.. ख़ूबसूरत सा मुलम्मा चढ़ाकर.. "दाल पुलाव" की संज्ञा दे डालते हैं.. सामने वाले के सामने शेखी बघारते हैं.. यही तो है आधा सच.. जो कि सच ...
बनती है घर में "खिचड़ी"......... और हम बाक़ायदा उस पर.. ख़ूबसूरत सा मुलम्मा चढ़ाकर.. "दाल पुलाव" की संज्ञा दे डालते हैं.. सामने वाले के सामने शेखी बघारते हैं.. यही तो है आधा सच.. जो कि सच ...