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अपने मुह मिया मिट्ठू बनना

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बड़बड़ाते हुए उसने हाथ झटका सिर को तनिक जुम्बस दिया देखकर ही सहज अंदाजा लगाया जा सकता था कि वो गहन चिंतन में लगा है  बस फिर क्या मेरा ध्यान उसी पर केंद्रित हो गया चल दिया उसी के पीछे पीछे इतनी दूरी ...

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लेखक के बारे में
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Tejkumar Singh

मैं टी के सिंह परिहार हिन्दी लेखक हूं कविता कहानी उपन्यास लघुकथा लिखता हूं पेशे से किसान ,स्वतंत्र पत्रकार हूं

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