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अंतिम छोर पर महासंगम

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एक सपने के पूरे होने का पैगाम आखिर आ ही गया. बेटी ने बंगलौर से हमें बुलाया कि हम दोनों लोग वहां पहुंचें और फिर वहां से आगे की यायावरी की कोई दस्तक सुनी जाय. इस पुकार में एक ज़बरदस्त उजास था. पिछले साल ...