"अंतिम अरदास" जो कुछ पाया हमने तेरी बंदगी से' वह सब लुटा दिया हमने इंसानियत के गुरुर में! तेरी रहमत का मैं क्या बखान करूं, देने में आपने मुझे कोई कमी ना रखी! तो लूटाने में मैंने भी पल भर की देर ...
"अंतिम अरदास" जो कुछ पाया हमने तेरी बंदगी से' वह सब लुटा दिया हमने इंसानियत के गुरुर में! तेरी रहमत का मैं क्या बखान करूं, देने में आपने मुझे कोई कमी ना रखी! तो लूटाने में मैंने भी पल भर की देर ...