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अनपढ़ जाट पढ़ा जैसा,और पढ़ा जाट खुदा जैसा

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बहुत पहले यानि कि मुगल बादशाह अकबर के जमाने की बात है,,एक गाँव में एक मुसलमान और एक जाट आमने-सामने रहते थे,,दोनों का भरा-पूरा परिवार था। मुसलमान और जाट में जैसे अक्सर होता है, छत्तीस का आंकड़ा ...