कल मेरे एक छात्र ने मुझसे पूछा कि अंगूर का स्वाद कैसा होता है ? मुझे उसका प्रश्न कुछ अटपटा लगा परन्तु बात एक होनहार छात्र की थी अतः उससे बिना सिर पैर के प्रश्न की उम्मीद भी नहीं थी । मै ...
जिन्दगी के झंझावातों के बीच शब्दों को पिरोने की आदत एवं समाज के दर्द को लेखनी के जरिये लोगों तक पहुँचाने के शौक ने अनजाने में ही इस रचनात्मक दुनिया की ओर कदम बढ़ाया था |
चलते रहे ताउम्र एक छाँव की तलाश में, शजर मिले भी तो खुश्क समुन्दर के पास ...
सारांश
जिन्दगी के झंझावातों के बीच शब्दों को पिरोने की आदत एवं समाज के दर्द को लेखनी के जरिये लोगों तक पहुँचाने के शौक ने अनजाने में ही इस रचनात्मक दुनिया की ओर कदम बढ़ाया था |
चलते रहे ताउम्र एक छाँव की तलाश में, शजर मिले भी तो खुश्क समुन्दर के पास ...
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