pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

*अनदेखा प्यार*

2
80

उस जमाने में मोबाइल नहीं चला करते थे। ये वो दौर था, जिसको मेरी तरह आप में से कइयों ने जिया है। घरों में बजने वाली वो लैंडलाइन फोन की घंटी सुनते ही दौड़ कर आना ,क्या बात होती थी न ! बस ये उसी समय ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Neelam Kanwar

अपनी खुशी को जियो, दूसरे अपने लिए खुद जी सकते हैं।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है