मुझे जगाने को ये जो तुम अपने गीले गेसुओं को झिंझोड़ रही हो बिन बोले फिर भी तुम मुझसे दिल का सब हाल बोल रही हो अनमनी सी बारिश के जैसी जो मेरी तपन को तोल रही हो बिन बोले फिर भी तुम मुझसे दिल का सब ...
मुझे जगाने को ये जो तुम अपने गीले गेसुओं को झिंझोड़ रही हो बिन बोले फिर भी तुम मुझसे दिल का सब हाल बोल रही हो अनमनी सी बारिश के जैसी जो मेरी तपन को तोल रही हो बिन बोले फिर भी तुम मुझसे दिल का सब ...