विचारों की उधेड़बुन में एक अमृत का प्याला सोचता था मिलेगी मंज़िल पर मिल गया शिवाला । मृत्यु का श्रृंगार यही कभी सृष्टि साकार यही इस अनंत माया में दिखलाता गीता सार यही। अश्रुओं की धारा में भावना के रथ ...
विचारों की उधेड़बुन में एक अमृत का प्याला सोचता था मिलेगी मंज़िल पर मिल गया शिवाला । मृत्यु का श्रृंगार यही कभी सृष्टि साकार यही इस अनंत माया में दिखलाता गीता सार यही। अश्रुओं की धारा में भावना के रथ ...