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आलोचना और समाज

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जीवन में अंधकार और प्रकाश या आलोक और छाया का प्रणय एवं कलह ही नहीं प्रणय-कलह और अंतर्केलि के लिए भी जगह बनी रहती है।इसी जगह का अपने पक्ष में इस्तेमाल करते हुए कुछ लोग चाँदनी की मादकता के हवाले से ...