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आखिर क्या चाहती हो ?

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रविवार, १४ अगस्त ' रात ग्यारह बजे कोई लगातार शालू को मेसेज क्यूँ भेजेगा।' रवि ने आज से पहले कभी शालू का फ़ोन नहीं छुआ था और छुता भी क्यूँ वो शालू पर माँ-बाप से अधिक भरोसा करता था तभी तो किसी की परवाह ...

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अज्ञात
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Madhuri Soni
    15 अक्टूबर 2018
    achi kahani...pr thodi kami lgi, jese bina kisi ke bare me jane ap love marriage nhi kr skte or jb apko pta chalta h ki apki partner apko dhoka de rhi hai to ap itne sant, koi b insan aise nhi kr skta........
  • author
    Neema
    24 जून 2020
    बिल्कुल बेकार औरत के चरित्र को गिरा दिखाकर नारी का अपमान करने की कोशिश
  • author
    Devendra Kumar Mishra
    23 अप्रैल 2018
    कहानी का अन्त ठीक सोचा। क्योकि एक न एक दिन ये तो होना ही था। बहुत खूब
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    Madhuri Soni
    15 अक्टूबर 2018
    achi kahani...pr thodi kami lgi, jese bina kisi ke bare me jane ap love marriage nhi kr skte or jb apko pta chalta h ki apki partner apko dhoka de rhi hai to ap itne sant, koi b insan aise nhi kr skta........
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    Neema
    24 जून 2020
    बिल्कुल बेकार औरत के चरित्र को गिरा दिखाकर नारी का अपमान करने की कोशिश
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    Devendra Kumar Mishra
    23 अप्रैल 2018
    कहानी का अन्त ठीक सोचा। क्योकि एक न एक दिन ये तो होना ही था। बहुत खूब