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आजादी के अमृतवर्ष पर मेरी कविता "श्रद्धा "

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*श्रद्धा* ...! ----------- बस इतनी सी श्रद्धा हो, हर मन में.., कि कोई मन , बेमन न रहे...! नाचे गाए झूमे , जीवन के हर पल में... कि कोई मन, बेमन  ना रहे....! श्रद्धा हो हर जन की,  जन- जन में ... कि ...

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लेखक के बारे में
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Anwar Hussain Anu Bhagalpuri

हिंदी अंग्रेजी भोजपुरी अंगिका मैं थोड़ी बहुत मैं भी लिख लिया करता हूं, आपकी नजरें इनायत है तवज्जो चाहूंगा

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