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विद्याधरों के राजा कलाधर और उनके मित्र कांतिशाली घूमते हुए महर्षि दुर्वासा के आश्रम में जा पहुंचे। आश्रम में एक पुष्प वाटिका थी। उस में तरह-तरह की सुगंध बिखेरने वाले सुंदर फूल खिले ...