बहरों ने कुछ सुना नहीं अंधों ने कुछ देखा नहीं फिर भी, युगों पहले सुना गया था जिसे गुफाओं में रचा गया था जिसे भयंकर शोर-शराबे, लूटपाट और मार-काट के बीच भी गुमनाम कवियों के द्वारा चुपचाप गाया जाता रहा ...

प्रतिलिपिबहरों ने कुछ सुना नहीं अंधों ने कुछ देखा नहीं फिर भी, युगों पहले सुना गया था जिसे गुफाओं में रचा गया था जिसे भयंकर शोर-शराबे, लूटपाट और मार-काट के बीच भी गुमनाम कवियों के द्वारा चुपचाप गाया जाता रहा ...