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अधूरी प्यास

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स्याह अंधेरी रात में जुगनू सा चमकता तू.. समुद्र की गहराई में पनडुब्बी सा लहराता तू.. पूर्णिमा के चांद सा मनभाता तू.. अर्जुन के कंधे पर गांडीव सा दमकता तू.. अपूर्ण से संपूर्ण तक दपदपाता बस तू ही तू.. ...

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लेखक के बारे में
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Govinddatta Sharma

राष्ट्रपति पुरस्कार सहित अनेक पुरस्कारों और उपाधियों से सम्मानित, पंचम वेद- राष्ट्र वेद के रचयिता, अनेक अनगिनत पुस्तकों के लेखक और वेदों के ज्ञाता महामहिमोपाध्याय आचार्य पंडित श्री नवल किशोर जी कांकर की पौत्री हूं, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित आचार्य श्री नारायण शास्त्री जी कांकर की भतीजी हूं। मुझे गर्व है कि मैंने ऐसे घर में जन्म लिया जहां सरस्वती का हमेशा आशीर्वाद बरसा है। मैं लेखिका तो नहीं फिर भी अपने पितामह और तरीके कदमों पर चलने की कुछ कोशिश जरूर कर रही हूं। आप सभी के स्नेह और आशीर्वाद की कामना के साथ- मैं अर्चना शर्मा, श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर से 🙏

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