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अभिमन्यु एलियन और दादा जी का नया अविष्कारURSD

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4.6

शाम का समय था ... दिन ढलते ढलते रात मे बदलता जा रहा था.. आसमान में हल्का सा उजाला कहीं-कहीं दिखाई दे रहा था.. थोड़ी देर में सूरज ढल गया। रोज की तरह रात ने दिन पर डाका डाल ही दिया था चारों तरफ गहरा ...