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अब जीने का मन नहीं करता l

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अब जीने का, मन नहीं करता  है l आस पास जो, अपने देखा, हर रिश्तो को, टूटते देखा l भूखे नंगे पिंजर देखे, देखा अधर्म का , बोलबाला देखा l अब जीने का, मन नहीं करता l सत्य को घूटते देखा, सडते ...

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लेखक के बारे में
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Renu Gupta
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Adv.Ashok Suthar
    15 फ़रवरी 2021
    कलयुग अपने यौवन में प्रवेश कर रहा है आप ने सच को लेखन के माध्यम से सामने लाने की कोशिश की
  • author
    Ritik Tiwari ""काव्यांश""
    15 फ़रवरी 2021
    शानदार प्रस्तुति
  • author
    15 फ़रवरी 2021
    शानदार अभिव्यक्ति
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Adv.Ashok Suthar
    15 फ़रवरी 2021
    कलयुग अपने यौवन में प्रवेश कर रहा है आप ने सच को लेखन के माध्यम से सामने लाने की कोशिश की
  • author
    Ritik Tiwari ""काव्यांश""
    15 फ़रवरी 2021
    शानदार प्रस्तुति
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    15 फ़रवरी 2021
    शानदार अभिव्यक्ति