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आमदनी

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जरूरी है, आमदनी पेट भरने के लिए घर बनाने के लिए घर को सजाने के लिए कुछ सामान जुटाने के लिए सिर उठा कर जीने के लिए लोगों की आँखों में आँखें डाल कर रौब गाँठने के लिए कुछ अपनी कुछ परायी ...

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कभी ऐसी भी एक शाम हो! जब वक़्त और तुम दोनों साथ साथ हो।

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