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आज से 3 वर्ष पूर्ब पच्छिमी राजस्थान के एक गाँव मे अकाल की दहलीज पर खड़े गाँव के लोगो का बारिश के इंतज़ार में लिखी हुई कविता

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जमीन जल चुकी है आसमान बाकी है दरख्तों अभी तुम्हारा इम्तहान बाकी है वो जो  खेतो की मेड़ो पर उदास बैठे है बस उन्ही की आखों में ईमान बाकी है ऐ बादलो अब तो बरस जाओ सुखी जमीनों पर किसी का खेत गिरवी ...

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लेखक के बारे में
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hani pandit

जन्म 31 अक्टोबर 1999 भरतपुर राजस्थान । वतर्मान में कॉलेज स्टूडेंट और कविता रचनाकार

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