जमीन जल चुकी है आसमान बाकी है दरख्तों अभी तुम्हारा इम्तहान बाकी है वो जो खेतो की मेड़ो पर उदास बैठे है बस उन्ही की आखों में ईमान बाकी है ऐ बादलो अब तो बरस जाओ सुखी जमीनों पर किसी का खेत गिरवी ...
जन्म 31 अक्टोबर 1999 भरतपुर राजस्थान । वतर्मान में कॉलेज स्टूडेंट और कविता रचनाकार
सारांश
जन्म 31 अक्टोबर 1999 भरतपुर राजस्थान । वतर्मान में कॉलेज स्टूडेंट और कविता रचनाकार
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बधाई हो! आज से 3 वर्ष पूर्ब पच्छिमी राजस्थान के एक गाँव मे अकाल की दहलीज पर खड़े गाँव के लोगो का बारिश के इंतज़ार में लिखी हुई कविता प्रकाशित हो चुकी है।. अपने दोस्तों को इस खुशी में शामिल करे और उनकी राय जाने।