’आलेख’
’’यादों की रोशनी में: जो बचा रहा’’
पीयूष पाचक ’स्मृति’ कहो या याद्दास्त दोनों का संबंध प्रमस्तिष्क के स्मरण से माना जा सकता है। मानव जीवन में इसका अहम् योगदान तो होना स्वभाविक है, वरना तो वह ...
पीयूष कुमार पाचक
जन्म- 2 जनवरी 1984 बाड़मेर (राजस्थान)
षिक्षा- एम. ए. (हिन्दी, संस्कृत, दर्षनषास्त्र,)
एम.एड., पीएच.डी. (षिक्षा)
नेट (षिक्षा, दर्षनषास्त्र)नेट,जे.आर.एफ- हिन्दी,
’समकालीन कवियों द्वारा आलोचना’ पर पीएच.डी. शोधरत्
प्रकाशित पुस्तक - आपके सामने (उपन्यास)
कहानियां- मोरपंख सांगरी, अवसाद, एक शाम
सारांश
<p>पीयूष कुमार पाचक<br />
जन्म- 2 जनवरी 1984 बाड़मेर (राजस्थान)<br />
षिक्षा- एम. ए. (हिन्दी, संस्कृत, दर्षनषास्त्र,)<br />
एम.एड., पीएच.डी. (षिक्षा)<br />
नेट (षिक्षा, दर्षनषास्त्र)नेट,जे.आर.एफ- हिन्दी, <br />
’समकालीन कवियों द्वारा आलोचना’ पर पीएच.डी. शोधरत्<br />
प्रकाशित पुस्तक - आपके सामने (उपन्यास)<br />
कहानियां- मोरपंख सांगरी, अवसाद, एक शाम</p>
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