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आईना

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आईना तुझे देखने से पहले तू मुझे देख लेती हैं और मुझे दिखाती हैं मेरा तस्वीर रोशिनी और अंधेरे से लिपटी हुई मेरा शरीर का अविकल चित्र तू बना लेती हैं निपुण चित्रकार की तरह मेरा शरीर का जो अँधेरा मैं ...

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लेखक के बारे में
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Apurba Bhuyan

एक पाठक होने के साथ साथ एक कवि और लेखक भी हूँ ।

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