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आह् से आह तक तुम और मे..

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मेरा बिस्तर , तू और मैं से, हम का सफर , गालों पर चुम्बन , होठों को काटना , होठों से नाभि का सफर , तेज़ धड़कने , गहरी सांसें , पीठ पर नाखूनों के निशान क्षण भर का दर्द , कमरे में गूंजती चीखें ...

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Kamras Kavi

खुशबू तेरे बदन की, जिस्म मेरा महकता छोड़ जाए, कुछ इस तरह तेरी मेरी बस एक मुकम्मल मुलाकात हो जाए💞

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