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आदमी का रंग

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#मेरी_कलम_से............. बदल गया है उसका दर बदल गया है उसका घर शोहरत जबसे है माथे पर झुकता नहीं है उसका सर ये आदमी है आदमी ...... ये आदमी है आदमी....... बेबसी में लाचारी में हाथ जोड़ता है सबके ...

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लेखक के बारे में
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Manoj Kumar B

वर्ण मिलकर शब्द बनता है ....शब्द शब्द मिलकर वाक्य बनता हैं....... वाक्य मिलकर काव्य की रचना करते हैं ....और उस रचना में कवि अपने अहसासों ,जजबातो और अपनी रूह को शामिल करता हैं..... तब जाकर कही वो बात श्रोताओं तक पहुचाने में कामयाब होता है ...

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