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आधार परिवार की

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मैं प्रेम हूं, मैं शक्ति हूं मैं आधार एक परिवार की सींचकर पौधे अपने प्यार रूपी अंबु से नित नए आयाम दूंगी फर्ज रूपी नीर से मानवता का पाठ पढ़ाकर नन्हें नन्हें कलियों को सर अपने परिवार की ऊंचा करूंगी ...