आ बुझा दूँ दिल की लगी बात मेरी ठुकराना मत दिल से मजबूर होकर बस हमसे तु इतराना मत घटा को बना कर आँखों का काजल तुम सजना मेरी बरसों से प्यासी रूह को फिर यूं सताना मत अंधेरे में भेंट होगी अब अपनी यह कहकर ...
आ बुझा दूँ दिल की लगी बात मेरी ठुकराना मत दिल से मजबूर होकर बस हमसे तु इतराना मत घटा को बना कर आँखों का काजल तुम सजना मेरी बरसों से प्यासी रूह को फिर यूं सताना मत अंधेरे में भेंट होगी अब अपनी यह कहकर ...