एक लेखक क्या बताए अपने बारे में? उसकी दौलत क्या हो सकती है? वह तो कभी बादल की तरह, कभी समुंद्र यात्री की तरह, कभी गोताखोर होकर तो कभी एक बंजारे की तरह चलता भटकता यात्रा करता रहता है। लेकिन ये निराला और बाबा नागार्जुन का वंशज अपने स्वाभिमान को कभी नहीं छोड़ सकता है,इन सबमें साथ देने के लिए इसके पास हैं आप सभी सद् मित्रों की दुआएं व स्नेहाशीष की अनुकंपाएं ।
मंगलम् भवतु 🙏💐