बे सहारा का सहारा बन ए इंसान यूँ जुल्म किसी पे ढाया नहीं जाता एक दिन तेरा भी अस्तित्व मिट जायेगा यूँ किसी बेज़ुबान को तड़पाया नहीं जाता ये पूरी कायनात तो उन बेज़ुबानो का हैं यूँ किसी के हक को ...

प्रतिलिपिबे सहारा का सहारा बन ए इंसान यूँ जुल्म किसी पे ढाया नहीं जाता एक दिन तेरा भी अस्तित्व मिट जायेगा यूँ किसी बेज़ुबान को तड़पाया नहीं जाता ये पूरी कायनात तो उन बेज़ुबानो का हैं यूँ किसी के हक को ...