pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

ए इंसान

5
2

बे सहारा का सहारा बन ए इंसान यूँ  जुल्म किसी पे ढाया नहीं जाता एक दिन तेरा भी अस्तित्व मिट जायेगा यूँ किसी बेज़ुबान को तड़पाया नहीं जाता ये पूरी कायनात तो उन बेज़ुबानो का हैं यूँ किसी के हक को ...

अभी पढ़ें

Hurray!
Pratilipi has launched iOS App

Become the first few to get the App.

Download App
ios
लेखक के बारे में
author
शिव रॉय

मेरा नाम शिव रॉय हैं मेरा जन्म 1जून वर्ष 1997 मे हुआ था मै बी.एस सी फाइनल मे पढ़ रहा हूँ मै कोई लेखक नहीं हूँ और नाही मै पूरा हिन्दी का ज्ञानी हूँ, जब किसी का साथ नहीं होता हैं तो मै अपने गम दुःख दर्द और हंसी को भी चन्द पंक्तियो मे पिरो देता हूँ और इससे मुझे बहुत ही सुकून मिल जाता हैं

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Ambika Jha
    06 ಜೂನ್ 2020
    बिल्कुल सत्य बात लिखी है आपने बहुत खूब 👌👌👌🙏🙏
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Ambika Jha
    06 ಜೂನ್ 2020
    बिल्कुल सत्य बात लिखी है आपने बहुत खूब 👌👌👌🙏🙏